डरे हुएँ हैं लोग -
घर में त्राहिमाम है
पता नहीं यहाँ कौन
अब किसका गुलाम है .
जंग की बात नहीं -
सुलह की बात कर .
समर नहीं - मरघट
मेरा अंतिम मुकाम है .
घर में त्राहिमाम है
पता नहीं यहाँ कौन
अब किसका गुलाम है .
जंग की बात नहीं -
सुलह की बात कर .
समर नहीं - मरघट
मेरा अंतिम मुकाम है .
No comments:
Post a Comment