क्यों ना इन - चिलचिलाती -
बेगैरत पश्चिमी -
नंगी हवाओं को
गहरे प्रशांत सागर -
तलकी तरफ मोड़ा जाए .
एक अश्वमेघ का घोडा
अरूणोदय - बुद्ध के देश से
पश्चिम की और छोड़ा जाए .
हर दुश्मन के - बाजुओं को
तोड़ा -मरोड़ा जाए .
आतातायी - देशद्रोही और
राह के बेशर्म - ढीठ पाषाणों को
पहले - घन कुदालों से तोड़ा जाए .
गाँव की पगडंडियों को -
चमचमाते राजमार्गों से जोड़ा जाए .
फिर क्या हर्ज़ है - जो
गोलगुम्बद* में बसने के लिए
मोदीके संग जनपथ से -
राजपथ की और दौड़ा जाए .
गोलगुम्बद* = संसदभवन
बेगैरत पश्चिमी -
नंगी हवाओं को
गहरे प्रशांत सागर -
तलकी तरफ मोड़ा जाए .
एक अश्वमेघ का घोडा
अरूणोदय - बुद्ध के देश से
पश्चिम की और छोड़ा जाए .
हर दुश्मन के - बाजुओं को
तोड़ा -मरोड़ा जाए .
आतातायी - देशद्रोही और
राह के बेशर्म - ढीठ पाषाणों को
पहले - घन कुदालों से तोड़ा जाए .
गाँव की पगडंडियों को -
चमचमाते राजमार्गों से जोड़ा जाए .
फिर क्या हर्ज़ है - जो
गोलगुम्बद* में बसने के लिए
मोदीके संग जनपथ से -
राजपथ की और दौड़ा जाए .
गोलगुम्बद* = संसदभवन
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