कहाँ छिपे बैठे सभी
ये सत्ता के वीर
कहीं कोई जलसा नहीं
ना कोई तक़रीर .
सत्ता बैठी चैन से
ना किंचित भी शोक
चाहे जितना चीखिए
चाहे जितना भौंक .
अडवाणी ने खींच दी
चुप्पी ये गंभीर
ना शेरो सी गर्जना
ना मोदी के तीर .
ये सत्ता के वीर
कहीं कोई जलसा नहीं
ना कोई तक़रीर .
सत्ता बैठी चैन से
ना किंचित भी शोक
चाहे जितना चीखिए
चाहे जितना भौंक .
अडवाणी ने खींच दी
चुप्पी ये गंभीर
ना शेरो सी गर्जना
ना मोदी के तीर .
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