हर तरफ है बदहवासी
रात भी जैसे दिवा सी .
भागती फिरती उम्मीदें
हर तरफ ही शोर है -
रात का पहला प्रहार
कैसे कहें ये भौर है .
रह नहीं सकते यहाँ हम
जाएँ तो - जाएँ कहाँ हम .
रात भी जैसे दिवा सी .
भागती फिरती उम्मीदें
हर तरफ ही शोर है -
रात का पहला प्रहार
कैसे कहें ये भौर है .
रह नहीं सकते यहाँ हम
जाएँ तो - जाएँ कहाँ हम .
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