हरेक शख्स की महूब्ब्त का
इक जैसा फ़साना था
इक आग का दरिया था
और डूबके जाना था .
उनको था नहीं आना -
उनको नहीं आना था .
छुट्टी नहीं मिली - या
कालेज भी जाना था .
पूजा का बहाना भी
बेकार बहाना था -
मंदिर था पास घरके
ना दूर ही जाना था .
कर्फ्यू नहीं लगा है
बाजार भी खुल्ला है
पर दिल का तेरा ताला
हमसे नहीं खुला है .
इक जैसा फ़साना था
इक आग का दरिया था
और डूबके जाना था .
उनको था नहीं आना -
उनको नहीं आना था .
छुट्टी नहीं मिली - या
कालेज भी जाना था .
पूजा का बहाना भी
बेकार बहाना था -
मंदिर था पास घरके
ना दूर ही जाना था .
कर्फ्यू नहीं लगा है
बाजार भी खुल्ला है
पर दिल का तेरा ताला
हमसे नहीं खुला है .
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