यूँ तो जिद्दी बहूत हूँ
कैसे मिलो ना नाथ
द्वार तुम्हारे आ गया
बांधे दोनों हाथ .
मेरा इसमें कुछ नहीं
तेरा हित भी होए .
बिन सेवक के सोच तो
स्वामी भया ना कोए .
तेरी मेरी प्रीत तो
नर नारायण साथ
जिक्र करेंगे लोग सब
तेरा मेरे साथ .
प्रभु की कृपा अपार है
ना कोई उसका पार
जितना चाहे मांगले
भक्ति में सब सार .
कितनी अच्छी बात है
अगर कभी ये होए
मैं नर रह जाऊं भले
पर तू नारायण सोहे
तेरी मेरी प्रीत तो
नर नारायण साथ
जिक्र करेंगे लोग सब
तेरा मेरे साथ .
प्रभु की कृपा अपार है
ना कोई उसका पार
जितना चाहे मांगले
भक्ति में सब सार .
कितनी अच्छी बात है
अगर कभी ये होए
मैं नर रह जाऊं भले
पर तू नारायण सोहे
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