जो मैं तेरी जगह पाता - सच कहता हूँ यार - तुझ से ज्यादा नाम - ज्यादा धन कमाता . मैं क्या - मेरा पूरा देश बिना किसी खून खराबे के जाने ...
Thursday, May 26, 2011
रात मुरझाई हुई सी
रात मुरझाई हुई सी , दिन दहकते अंगार लिए,
जिन्दगी बेवफा सी, कभी बहूत सा प्यार लिए .
यूँ ही कट जाता है जीवन का सफ़र - बस यारो
कारवां रुकता नहीं , मुसाफिर ही ठहर जाते हैं.
No comments:
Post a Comment