तू अपनी बात तो कह -
पर अपनी औकात में रह .
खता मत खा - दूसरों को
कोसने से बाज आ .
दूसरों की गलतियाँ -
ढूँढ़ते रह जाओगे तो
अपने दिलो-दिमाग को
फालतू का कचरा घर बनाओगे .
धर्म पर भाषण झाड़ना -
बहूत आसान है- पर स्व:धर्म
का पालन मुश्किल होता है .
तेरा धर्म बड़ा - अच्छा है -
तो क्या करूँ -
अपने धर्म के लिए जियूं
या तेरे धर्म के लिए मरूं .
बात जीने की कर यार -
धर्म - वर्म की बाते जाने दे.
कितनी उमस हो गयी है -
जरा हट के खड़ा हो -
कुछ ताज़ी हवा आने दे .
पर अपनी औकात में रह .
खता मत खा - दूसरों को
कोसने से बाज आ .
दूसरों की गलतियाँ -
ढूँढ़ते रह जाओगे तो
अपने दिलो-दिमाग को
फालतू का कचरा घर बनाओगे .
धर्म पर भाषण झाड़ना -
बहूत आसान है- पर स्व:धर्म
का पालन मुश्किल होता है .
तेरा धर्म बड़ा - अच्छा है -
तो क्या करूँ -
अपने धर्म के लिए जियूं
या तेरे धर्म के लिए मरूं .
बात जीने की कर यार -
धर्म - वर्म की बाते जाने दे.
कितनी उमस हो गयी है -
जरा हट के खड़ा हो -
कुछ ताज़ी हवा आने दे .
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