ये दुनिया -
पेट्रोल और
मिटटी के तेल से -
नहीं चलती.
आपसी प्रेम और मेल -
से चलती है यार .
रफ्ता रफ्ता टुकड़ों में बंट गया आइना-ए-इन्सां
कांच की किरंचों को - होशियारी से उठाया जाए .
उँगलियाँ घायल ना कहीं हो जाएँ -उठा
ध्यान से- शीशाए दिल मेरा ही तो है .
बड़ा बेगाना सा लगता है - इंडिया-ओ -हिन्दुस्तां यारो,
आने वाले हरेक मेहमाँ को-अब भारत से मिलाया जाए.
चाँद तारे - रौशनी के कंदील
विलुप्त हो जाएँ - आस्मां
में ही कहीं खो जाएँ -आँखें
चुंधिया जाए - दुनिया की .
डूबे हुए सूरज को - चलो
सागर से निकाला लाए .
डगमगाते - लड़खड़ाते हुए
क़दमों से नहीं चलता -
आओ इस देश को -
अपने हाथों में संभाला जाए .
यहाँ हिन्दू भी हैं - मुसल्मा भी क्या कहूं ,
सीधी सच्ची -नहीं कहानी
बात करो ना -तुम नादानी
हम चीनी ना हैं -जापानी
हम सब की है - एक जुबानी ,
हम हैं प्यारे हिन्दुस्तानी .
दूध का धुला अब यहाँ कोई नहीं
जब सब को आजमाया है -
पेट्रोल और
मिटटी के तेल से -
नहीं चलती.
आपसी प्रेम और मेल -
से चलती है यार .
रफ्ता रफ्ता टुकड़ों में बंट गया आइना-ए-इन्सां
कांच की किरंचों को - होशियारी से उठाया जाए .
उँगलियाँ घायल ना कहीं हो जाएँ -उठा
ध्यान से- शीशाए दिल मेरा ही तो है .
बड़ा बेगाना सा लगता है - इंडिया-ओ -हिन्दुस्तां यारो,
आने वाले हरेक मेहमाँ को-अब भारत से मिलाया जाए.
चाँद तारे - रौशनी के कंदील
विलुप्त हो जाएँ - आस्मां
में ही कहीं खो जाएँ -आँखें
चुंधिया जाए - दुनिया की .
डूबे हुए सूरज को - चलो
सागर से निकाला लाए .
डगमगाते - लड़खड़ाते हुए
क़दमों से नहीं चलता -
आओ इस देश को -
अपने हाथों में संभाला जाए .
यहाँ हिन्दू भी हैं - मुसल्मा भी क्या कहूं ,
फकत इंसान हूँ - अब मैं कहाँ जाके रहूँ .
सीधी सच्ची -नहीं कहानी
बात करो ना -तुम नादानी
हम चीनी ना हैं -जापानी
हम सब की है - एक जुबानी ,
हम हैं प्यारे हिन्दुस्तानी .
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