चांदनी रात में -
सूखे पत्तों पर चल .
चाँद की पाँति पर
प्यार की लिख गजल .
फिर वही पल पल -
झूमती पागल हवा का
बहकता आंचल .
सिसकने दे आज तू जी भर -
उसी काँधे पर टिका के सर.
भूल जाने दे रात का शिकवा -
सुबह की बात याद आने दे .
वो महकता फूल सा कोमल-
याद में लिपटा तेरा एक पल.
सूखे पत्तों पर चल .
चाँद की पाँति पर
प्यार की लिख गजल .
फिर वही पल पल -
झूमती पागल हवा का
बहकता आंचल .
सिसकने दे आज तू जी भर -
उसी काँधे पर टिका के सर.
भूल जाने दे रात का शिकवा -
सुबह की बात याद आने दे .
वो महकता फूल सा कोमल-
याद में लिपटा तेरा एक पल.
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