तुम और मैं - हमेशा
साथ साथ - एक दूजे के
हाथों में हाथ .
क्या डरना इस या उस
दुनिया से जब दोनों जहाँ
मेरे लिए -मेरे साथ .
सच मेरे मान - सम्मान
का रखा पूरा ध्यान .
मैं अणु - तू सर्वव्यापत
करुणा निधान .
निष्ठुर नहीं - दयावान
किंचित नहीं - शानो गुमान
तेरे आधीन सारा जहान.
साथ साथ - एक दूजे के
हाथों में हाथ .
क्या डरना इस या उस
दुनिया से जब दोनों जहाँ
मेरे लिए -मेरे साथ .
सच मेरे मान - सम्मान
का रखा पूरा ध्यान .
मैं अणु - तू सर्वव्यापत
करुणा निधान .
निष्ठुर नहीं - दयावान
किंचित नहीं - शानो गुमान
तेरे आधीन सारा जहान.
बेहद सुंदर रचना आप फ़ेस बुक जैसे मंच पर अपनी रचनाएं रखें अवश्य ही आपको व्रुहद पाठक संसार मिलेगा
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