जी हाँ -मैं आग बेचता हूँ -
एक चिंगारी नहीं -
सम्पूर्ण दावानल .
एक रात की दुल्हन नहीं -
सम्पूर्ण सुहाग बेचता हूँ
जी हाँ मैं आग बेचता हूँ !!
खरीदोगे -ले जाओ
इससे घर के चूल्ले जलाओ
कुंद पड़ती तलवार की धार के लिए ,
अपने लिए ,देश-दुनिया
पूरे संसार के लिए - नफरत के लिए
प्यार के लिए .
जी हाँ इसे जैसे चाहो जला लो
अपने दिल में -विचार की तरह
दुसरे के दिल में प्यार की तरह
प्यार -मनुहार की तरह ,
जंग और रार की तरह .
आग का तो धरम ही है जलाना
मुर्दा शरीरों को जला दो
या सर्द जिस्मों मे जीवन भर दो
ये तुम परे निर्भर है -
तुम जो चाहे करदो .
ज्यादा नहीं -तो बस एक
चिंगारी ही ले लो -पर ध्यान रखना
दूसरे को जलाने से पहले -
स्वयं को जलाना होगा -
चिराग बाँटने से पहले खुद को
रौशनी में आना होगा .
एक चिंगारी नहीं -
सम्पूर्ण दावानल .
एक रात की दुल्हन नहीं -
सम्पूर्ण सुहाग बेचता हूँ
जी हाँ मैं आग बेचता हूँ !!
खरीदोगे -ले जाओ
इससे घर के चूल्ले जलाओ
कुंद पड़ती तलवार की धार के लिए ,
अपने लिए ,देश-दुनिया
पूरे संसार के लिए - नफरत के लिए
प्यार के लिए .
जी हाँ इसे जैसे चाहो जला लो
अपने दिल में -विचार की तरह
दुसरे के दिल में प्यार की तरह
प्यार -मनुहार की तरह ,
जंग और रार की तरह .
आग का तो धरम ही है जलाना
मुर्दा शरीरों को जला दो
या सर्द जिस्मों मे जीवन भर दो
ये तुम परे निर्भर है -
तुम जो चाहे करदो .
ज्यादा नहीं -तो बस एक
चिंगारी ही ले लो -पर ध्यान रखना
दूसरे को जलाने से पहले -
स्वयं को जलाना होगा -
चिराग बाँटने से पहले खुद को
रौशनी में आना होगा .
wah.....aag se bhari kavita....ojpurna
ReplyDeleteअग्नि से ज़ादा शुद्ध और पवित्र शायद ही कुछ हो....जिसके जलने मात्र से अंधकार की समाप्ति हो जाती है उस पर लिखी यह् कविता साधूवाद की पात्र है.....
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