बैठे ठाले मिले निवाले -
मैं भी खाऊँ तू भी खा ले .
धरती को बिस्तर कर अपने
आसमान को ओढ़ बिछा ले .
सिरहाने हों पर्वतमाला -
सागर में तू पग लटकाले.
फिर काहे की चिंता तुझको
सारी दुनिया राम हवाले .
मैं भी खाऊँ तू भी खा ले .
धरती को बिस्तर कर अपने
आसमान को ओढ़ बिछा ले .
सिरहाने हों पर्वतमाला -
सागर में तू पग लटकाले.
फिर काहे की चिंता तुझको
सारी दुनिया राम हवाले .
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