सितारों से आगे
आसमां और भी हैं
प्रेम के प्यार के
ये तराने कुछ भी नहीं
दिल से निकले -जो
सुर-फसाने और भी हैं
जीत के हार के
बहाने और भी हैं-
घर से निकल के देख
रहने के ठिकाने और भी हैं
बेतरतीब हो चली -
ज़माने के सितम में
जिन्दगी खो चली -खो जाने दे
फूल-गुलशन के चमन
चाहे उजड़े -उजड़ जाने दे
ये बाजी-हाथ से चाहे निकले -
निकल जाने दे
दरवाजे-खिड़कियाँ खुली रख
जरा बाहर की ताजा सी
हवा आने दे -जो जा रहा है
उसे जाने दे -जो आना चाहे
उसे आने दे
चुप रहने की -सहने की
कसम आज मुझे खाने दे
वरना यहाँ से कहीं
दूर चला जाने दे .
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