तेरे सामने -हमारी
आखिर हस्ती क्या है -
तेरे वैकुण्ठ के सामने - हम
इंसानों की बस्ती क्या है .
हमारी औकात क्या है - तेरे
सामने चींटी का वजूद भले हो -
हमारी बिसात क्या हैं .
मन में अहम् -भाव
आता तो होगा - तू ही
कर्ता तू ही करतार -
करता है सबका बेडा पार .
तेरे मन में क्या होता है -
तब सचसच कह दे यार .
पर नहीं - तू तो करतार है
कर्ता कहाँ है - कर्ता भी हम हैं
और भर्ता भी हम हैं .
तू कहाँ किस कारण में आता है .
करोड़ों हाथों का सञ्चालन
करके भी तेरा हाथ कब और
कहाँ - पहचाना जाता है .
पर नहीं हैं हम - कृत्घन
तेरे किये अच्छे के गुण गाते हैं .
बुरा हो जाए तो अपने कर्मों- या
तकदीर को दोषी बताते हैं .
आखिर हस्ती क्या है -
तेरे वैकुण्ठ के सामने - हम
इंसानों की बस्ती क्या है .
हमारी औकात क्या है - तेरे
सामने चींटी का वजूद भले हो -
हमारी बिसात क्या हैं .
मन में अहम् -भाव
आता तो होगा - तू ही
कर्ता तू ही करतार -
करता है सबका बेडा पार .
तेरे मन में क्या होता है -
तब सचसच कह दे यार .
पर नहीं - तू तो करतार है
कर्ता कहाँ है - कर्ता भी हम हैं
और भर्ता भी हम हैं .
तू कहाँ किस कारण में आता है .
करोड़ों हाथों का सञ्चालन
करके भी तेरा हाथ कब और
कहाँ - पहचाना जाता है .
पर नहीं हैं हम - कृत्घन
तेरे किये अच्छे के गुण गाते हैं .
बुरा हो जाए तो अपने कर्मों- या
तकदीर को दोषी बताते हैं .
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