जो मन के अँधेरे कोनों को
शुभ्र प्रकाश से भर दे .
जैसे मुर्दा शरीर को -
पुन: जीवित कर दे .
आओ - उस परम पुरुष को
आर्त स्वर में पुकारें .
उसे ही धरती -आकाश
दसों दिशाओं में देखें/निहारे .
खोजें उस - परम
उत्तम पुरुष को .
जो कहीं भी हो - पर
अपना अस्तित्व - हम
सभी में विरूपित कर दे .
परमानंद की ज्योति
रोम रोम में भर दे .
शुभ्र प्रकाश से भर दे .
जैसे मुर्दा शरीर को -
पुन: जीवित कर दे .
आओ - उस परम पुरुष को
आर्त स्वर में पुकारें .
उसे ही धरती -आकाश
दसों दिशाओं में देखें/निहारे .
खोजें उस - परम
उत्तम पुरुष को .
जो कहीं भी हो - पर
अपना अस्तित्व - हम
सभी में विरूपित कर दे .
परमानंद की ज्योति
रोम रोम में भर दे .
परम
ReplyDeleteउत्तम पुरुष को
बहुत बहुत बधाई ||