तू भी उठ -पूरा
ब्रह्मांड जाग गया
आसमान में छाया
तामसी अँधेरा
कब का भाग गया .
सुबह का सूरज
जाने कब का -उठ जाग गया
क्या सोचा है -
निकल चल -लक्ष्य
बहुत पीछे छुट गया
बटोही जाने कहाँ भटके
वर्ना यूँ -तो नहीं रह जाते
एक जगह अटके .
चल -साथ तेरे जमाना
खुद चला आएगा -जो
अकेला ही -अकेले आदमी
की लड़ाई लड़ जायेगा .
तेरा तारनहार -तुझे
जरूर बचाएगा -चाहे
अवतार लेकर -इस जमीन
ब्रह्मांड जाग गया
आसमान में छाया
तामसी अँधेरा
कब का भाग गया .
सुबह का सूरज
जाने कब का -उठ जाग गया
क्या सोचा है -
निकल चल -लक्ष्य
बहुत पीछे छुट गया
बटोही जाने कहाँ भटके
वर्ना यूँ -तो नहीं रह जाते
एक जगह अटके .
चल -साथ तेरे जमाना
खुद चला आएगा -जो
अकेला ही -अकेले आदमी
की लड़ाई लड़ जायेगा .
तेरा तारनहार -तुझे
जरूर बचाएगा -चाहे
अवतार लेकर -इस जमीन
पर फिर से आएगा .
चल -साथ तेरे जमाना
ReplyDeleteखुद चला आएगा -जो
अकेला ही -अकेले आदमी
की लड़ाई लड़ जायेगा .
बहुत सुंदर रचना..
तेरा तारनहार -तुझे
ReplyDeleteजरूर बचाएगा -चाहे ----
बेहतरीन प्रस्तुति ||