आपके जज्बात -
आप ही के मन की बात.
आपके मौन को - शब्द दे सकूं .
बस यही चाहता हूँ .
मैं अलग नहीं - खुद को
आपके भीतर -
आपमें ही कहीं देखना -
महसूस करना चाहता हूँ .
पता नहीं क्या हूँ - और
क्या करना चाहता हूँ -आपमें
ही कहीं छुप कर रहना चाहता हूँ .
आप समझ रहें हैं ना- मैं
क्या कहना चाहता हूँ .
अलग अलग भूमिका में -
हर बार - इस संसार पट
पर दीखते रहना चाहता हूँ .
मैं हर किसी - हर एक में
रहूँ भी - और उसका हिस्सा
बन जाऊं - चाहे अपनी या
तुम्हारा कहानी- किस्सा बन जाऊं .
मौत से बहूत डरता हूँ -
जिन्दगी से अथाह प्यार करता हूँ .
तुम्हारे भीतर - तुम्हारी सोच में
रहूँगा तो - यकीन है
फिर मरूँगा नहीं .
शायद तुम्हारी याद में - तुम्हारी
हर बात में - जिन्दा रहूँ तो
अमर हो जाऊंगा - जीते जी भी
और मर जाने के बाद भी .
आप ही के मन की बात.
आपके मौन को - शब्द दे सकूं .
बस यही चाहता हूँ .
मैं अलग नहीं - खुद को
आपके भीतर -
आपमें ही कहीं देखना -
महसूस करना चाहता हूँ .
पता नहीं क्या हूँ - और
क्या करना चाहता हूँ -आपमें
ही कहीं छुप कर रहना चाहता हूँ .
आप समझ रहें हैं ना- मैं
क्या कहना चाहता हूँ .
अलग अलग भूमिका में -
हर बार - इस संसार पट
पर दीखते रहना चाहता हूँ .
मैं हर किसी - हर एक में
रहूँ भी - और उसका हिस्सा
बन जाऊं - चाहे अपनी या
तुम्हारा कहानी- किस्सा बन जाऊं .
मौत से बहूत डरता हूँ -
जिन्दगी से अथाह प्यार करता हूँ .
तुम्हारे भीतर - तुम्हारी सोच में
रहूँगा तो - यकीन है
फिर मरूँगा नहीं .
शायद तुम्हारी याद में - तुम्हारी
हर बात में - जिन्दा रहूँ तो
अमर हो जाऊंगा - जीते जी भी
और मर जाने के बाद भी .
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