देखने में घिस गया है -
बात ये सच मान मेरी -
गीत ये फिर भी -मेरा
बिलकुल नया है .
ढून्ढ लाया था - समन्दर से
हजारों बार लाखों बार -मोती.
कह रहें हैं लोग - सच्चे की चमक
युगों तक कम ना होती .
तूने उनसे - उसने तुमसे
जो कहा है - शब्द फीके
पड़ गएँ होंगे- मगर जज्बात
ये बिलकुल नया है .
एक तन्हा आदमी कायर नहीं है
भीड़ के सैलाब में - घुस कर अकेले -
जो भी चाहे साथ होले साथ ले ले.
जय विजय का फलसफा -
सच मान ये किंचित नया है .
आप कह रहे हैं --
ReplyDeleteइतने अच्छे ढंग से
मानना ही पड़ेगा
गीत नया है ||
लगे हाथ बधाई भी ||