जी हाँ मैं गीत बेचता हूँ -
प्रेम के प्यार के -दुश्मनी के
रार के -रूठने मनुहार के .
मैं अपनी हार -तेरी जीत के
गीत बेचता हूँ .
तेरी एक हलकी सी-
मुस्कराहट के - नाम
शब्द का संगीत बेचता हूँ ,
सच मान मैं गीत बेचता हूँ .
बाकी नया है -ये जरा पुराना है
शहीदों का गाया -राष्ट्रिय तराना है .
शहीदों के मजार पर -काफिरों
के शीश बेचता हूँ .-
जी हाँ मैं गीत बेचता हूँ .
ये जरा विचारों से भारी है - जी नहीं
जुगनू नहीं पूरी -जीवित चिंगारी है -
ये दिलों की आग सुलगाने- दिल्ली आया है.
ये जरा हल्का है (मन) मोहनी अंदाज़ में
शायद किसी ने मुजरे में -गाया है.
कहिये और दिखाऊँ -खरीदेंगे .
ये थोडा खुदगर्जी है -वैसे आपकी इच्छा
दिल में रखो - या किसी को तोहफे
में दे दो - आपकी मर्जी है .
ये बस एक बार काम आएगा - गर गुनगुनाया
तो सारा मुंह जल जायेगा .
हाथ से निकल गाया- तो
दुनिया जहाँ को पता चल जाएगा .
(पूज्य श्री भवानीप्रसाद मिश्र जी की कविता
से प्रेरित )
प्रेम के प्यार के -दुश्मनी के
रार के -रूठने मनुहार के .
मैं अपनी हार -तेरी जीत के
गीत बेचता हूँ .
तेरी एक हलकी सी-
मुस्कराहट के - नाम
शब्द का संगीत बेचता हूँ ,
सच मान मैं गीत बेचता हूँ .
बाकी नया है -ये जरा पुराना है
शहीदों का गाया -राष्ट्रिय तराना है .
शहीदों के मजार पर -काफिरों
के शीश बेचता हूँ .-
जी हाँ मैं गीत बेचता हूँ .
ये जरा विचारों से भारी है - जी नहीं
जुगनू नहीं पूरी -जीवित चिंगारी है -
ये दिलों की आग सुलगाने- दिल्ली आया है.
ये जरा हल्का है (मन) मोहनी अंदाज़ में
शायद किसी ने मुजरे में -गाया है.
कहिये और दिखाऊँ -खरीदेंगे .
ये थोडा खुदगर्जी है -वैसे आपकी इच्छा
दिल में रखो - या किसी को तोहफे
में दे दो - आपकी मर्जी है .
ये बस एक बार काम आएगा - गर गुनगुनाया
तो सारा मुंह जल जायेगा .
हाथ से निकल गाया- तो
दुनिया जहाँ को पता चल जाएगा .
(पूज्य श्री भवानीप्रसाद मिश्र जी की कविता
से प्रेरित )
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