फूलों - बहारों की बात जाने दो
जरा इस तरफ - पत्थरों की बौछार
तो आने दो - बचें या फटे हमें क्या
उन्हें सर अपना खुद बचाने दो .
और बढ़िया क्या होगी - सौगात
तमाचे गाल पे - इनके अभी लगाने दो
पुराना साल बीत जाएगा तो क्या -
इस नए साल को तो जरा आने दो .
नए चेहरे नहीं - वही बासे हैं
हाथ में उनके वही पासे हैं .
खेल नटवर को खेलने दो अब
शुक्नी को भी तो मात खाने दो .
कोई दो चार - नहीं अरबों -खरबों हैं
हिसाब मुझको आज तुम लगाने दो
एक एक पाई वसूल होगी अब -तुम
मुझे रौशनी में तो जरा आने दो .
जरा इस तरफ - पत्थरों की बौछार
तो आने दो - बचें या फटे हमें क्या
उन्हें सर अपना खुद बचाने दो .
और बढ़िया क्या होगी - सौगात
तमाचे गाल पे - इनके अभी लगाने दो
पुराना साल बीत जाएगा तो क्या -
इस नए साल को तो जरा आने दो .
नए चेहरे नहीं - वही बासे हैं
हाथ में उनके वही पासे हैं .
खेल नटवर को खेलने दो अब
शुक्नी को भी तो मात खाने दो .
कोई दो चार - नहीं अरबों -खरबों हैं
हिसाब मुझको आज तुम लगाने दो
एक एक पाई वसूल होगी अब -तुम
मुझे रौशनी में तो जरा आने दो .
बहुत खूब्…………आगत विगत का फ़ेर छोडें
ReplyDeleteनव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें
प्रिय वंदना , इतना अच्छा लिखा है
ReplyDeleteकी प्रशंसा के लिए शब्द नहीं हैं मेरे
पास ....बहूत सुंदर !!! नव वर्ष की
आपको शुभकामनायें और शुभाशीष ...!!