पूरे हिंदुस्तान में केवल
एक जिन्दा आदमी - या फिर
मान लें की पूरा मुल्क
मुर्दों की बस्ती है .
कह रहें हैं लोग - की
इस मायने में लोकपाल -
एक उपलब्धि है .
यहाँ स्तुति गान से ही - फुर्सत
कहाँ की सोचें - विचारें
इस मुए लोकपाल को
किस किस के सर पर देके मारें .
एक आदमी अपना नाटा कद
राजनीति के झूले पर -
पींगें ले लेकर बढ़ा रहा है .
कैसे कहते हो की -
गाँधी का नया अवतार
आपके सामने आ रहा है .
भूलने की आदत डाल - ये
इतिहास से एक और नया गाँधी
मत निकाल ( अभी पुराने से तो
फुर्सत पा लें ) उसके उतराधिकारी
वंशजों को तो पहले निपटा लें .
बहुत सटीक प्रस्तुति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteये नया वर्ष ..आपको , सभी आपके अपनों को
ReplyDeleteआपकी आँखों में बसे सपनो के लिए बहूत
शुभ हो ...ऐसी इश्वर से कामना है ....!!