प्यार हमने भी किया था यार - पर
हम अपने ही रहे - किसी और के
ना जाने कभी हो ना सके .
वक्त की मार - ने कस्बल
सारे ढीले कर दिए .
लगाये थे बूंटे तो - बहारों में
नामुराद - पतझर ने पात सारे
पीले कर दिए .
जुल्फे रुखसार पर फ़िदा जान थे हम
चाँद निकला ना कभी -
काली घटा छाई रही .
निकाह की बात जाने दो -
सफल अपनी तो सगाई ना रही .
हम अपने ही रहे - किसी और के
ना जाने कभी हो ना सके .
वक्त की मार - ने कस्बल
सारे ढीले कर दिए .
लगाये थे बूंटे तो - बहारों में
नामुराद - पतझर ने पात सारे
पीले कर दिए .
जुल्फे रुखसार पर फ़िदा जान थे हम
चाँद निकला ना कभी -
काली घटा छाई रही .
निकाह की बात जाने दो -
सफल अपनी तो सगाई ना रही .
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