तीर किसी और का -
कमान किसी और की
खेत-खलिहान मेरे बाप का - तो
कैसे ये मैंढ किसी और की .
तेरी मेरी बात - ना सुनाऊं
किसी और की .
छाडू ना कलाई - चाहे माने
ना मिताई - मारूं
या कूँ मैं कन्हाई - तेरी
गीता की कहाई - नहीं
बात किसी और की .
छन में बिगाडूँ- याको चक्करवीयू
फाडूं - नहीं छोडूं याकूं मारूं .
फेरी काहे को बिचारूं - नहीं
मानू मैं तो 'हर' की .
तेरो याही में - आराम
भाग - लेके या दूकान
खाली कर दे मकान -
और करो ना हैरान - वर्ना होगो
परेशान - याही बात है फ़िक्र की .
(ये चंद लाइने उनके लिए जो
देश की व्यवस्था पर सांप की
तरह कुंडली मारे बैठे हैं )
कमान किसी और की
खेत-खलिहान मेरे बाप का - तो
कैसे ये मैंढ किसी और की .
तेरी मेरी बात - ना सुनाऊं
किसी और की .
छाडू ना कलाई - चाहे माने
ना मिताई - मारूं
या कूँ मैं कन्हाई - तेरी
गीता की कहाई - नहीं
बात किसी और की .
छन में बिगाडूँ- याको चक्करवीयू
फाडूं - नहीं छोडूं याकूं मारूं .
फेरी काहे को बिचारूं - नहीं
मानू मैं तो 'हर' की .
तेरो याही में - आराम
भाग - लेके या दूकान
खाली कर दे मकान -
और करो ना हैरान - वर्ना होगो
परेशान - याही बात है फ़िक्र की .
(ये चंद लाइने उनके लिए जो
देश की व्यवस्था पर सांप की
तरह कुंडली मारे बैठे हैं )
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