लिखो - इतिहास में
उसे भी लिखों - जो आदमी
अभी अभी - रोटी के लिए
मर रहा है - जी नहीं भूख से नहीं
मुझे बचाने के चक्कर में -जो
सरे आम फाका कर रहा है .
क्यों नहीं लिखते - उसका नाम
जो तुम्हारे सामने -आज जांबाज
दुश्मन की मानिंद खड़ा है -
और अपनी बात मनवाने पर -
बेतरह अड़ा है .
उनको क्यों इतिहास में - जबरन
डालते हो - जो बार बार
रण छोड़ कर भाग जाता है -
एक आम आदमी की दहाड़ सुन-
सोते से जाग जाता है .
कौन कहता है -
इतिहास गीदड़ों भभकियों
का - फरमान होता है -ये तो
सीधे सीधे - क्रांति का
बिगुल बजाने वालों का
आइना-ऐ -ऐलान होता है.
इतिहास से मजाक - कभी
बहूत महंगा पड़ जाता है.
कितने ही समय के केप्सूल
लाल किले में दबवा लो - सब
सरेआम उघड जाता है .
उसका भी नाम - वो भी तो आया था
इस - देश दुनिया के काम .उसे भी लिखों - जो आदमी
अभी अभी - रोटी के लिए
मर रहा है - जी नहीं भूख से नहीं
मुझे बचाने के चक्कर में -जो
सरे आम फाका कर रहा है .
क्यों नहीं लिखते - उसका नाम
जो तुम्हारे सामने -आज जांबाज
दुश्मन की मानिंद खड़ा है -
और अपनी बात मनवाने पर -
बेतरह अड़ा है .
उनको क्यों इतिहास में - जबरन
डालते हो - जो बार बार
रण छोड़ कर भाग जाता है -
एक आम आदमी की दहाड़ सुन-
सोते से जाग जाता है .
कौन कहता है -
इतिहास गीदड़ों भभकियों
का - फरमान होता है -ये तो
सीधे सीधे - क्रांति का
बिगुल बजाने वालों का
आइना-ऐ -ऐलान होता है.
इतिहास से मजाक - कभी
बहूत महंगा पड़ जाता है.
कितने ही समय के केप्सूल
लाल किले में दबवा लो - सब
सरेआम उघड जाता है .
बेहतरीन पोस्ट व शब्द
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