सरे शाम - हमने दिया जलाया तो है
मिजाज़ पुरसी को कोई चलके दूर से आया तो है .
अब देखते हैं - वो क्या है- कैसा है
वो शक्श तेरे लिए कुछ लाया तो है .
बड़ी शिद्दत से मैंने उसे बुलाया तो है .
मैं खो गया था - सरे राह में
मेलों में झमेलों में - किसी ने
मुझे इससे मिलवाया तो है .
कल ख़त का जवाब भी - आएगा जरुर
किसी कातिब से- हुक्काम को
मैंने लिखवाया तो है.
ना सही हक़ - जरा सी लूट सही
दे दो इस गरीब को थोड़ी छुट सही.
मजमून काजीसे पढवाया तो है .
ये मोदी - कुछ आदमी सा लगता है
खरा सिक्का है - जैसे टकसाल से
अभी ताज़ा ताज़ा आया तो है .
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