जिन्दगी हो - पर बेवजह बेकार ना हो
लक्ष्य हो -लिजलिजी बेसरोकार ना हो .
सेकड़ों यार हों - चाहे दुश्मन चार ना हो
उतार पातळ हो - पर चढाई पहाड़ ना हों .
लड़ना पड़े तो - जीत हो पर हार ना हो
प्यार हो ना भले - पर किसी से रार ना हो .
वतन हो हिंदोस्तां - मुल्क कोई फिरंगी बेकार ना हो
क्या रहें जाकर वहां - जहाँ कोई तीज त्यौहार ना हो.
सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteदिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
dineshkidillagi.blogspot.com
होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।