मैं मलबे से मकान बनाता हूँ
   
चाहता है मन मैं कोई गीत गाऊं गुनगुनाऊं
शब्द बहरे हो गए - किसे गाकर सुनाऊं .
आदमी को इंसान बनाता हूँ .
अगर अपनी पर आ जाऊं तो -
पत्थर को भगवान बनाता हूँ .
रात को उजाले में लाता हूँ 
सुबह की रौशनी दिखाता हूँ 
आदमी को मसीहा बनाता हूँ 
अदृश हूँ कभी नजर नहीं आता हूँ .   
सौदा जरा सच्चा बेचता हूँ - 
फल थोडा कच्चा बेचता हूँ 
तेरी औकात क्या - हाकिम हूँ  
देश का बच्चा बच्चा बेचता हूँ
 दिल करे तो देश दुनिया जहान बेच दूं
जर्रा जर्रा - खेत खलिहान बेच दूं 
तेरी हस्ती ही क्या- राजनेता हूँ 
तेरा दीनईमान -तेरा भगवान बेच दूं .  
 थक गया हूँ फिर भी - थोडा टहल आऊँ 
दूर की उस कल्पना के संग थोडा दूर जाऊं चाहता है मन मैं कोई गीत गाऊं गुनगुनाऊं
शब्द बहरे हो गए - किसे गाकर सुनाऊं .
मैं अकेला ही चला था - यार 
मेरा अंदाज़ - ज़माने से थोडा जुदा था.
कोई मंदिर ना मूरत -सच कहूं
मैं अपना - खुद ही खुदा- नाखुदा था .
मेरा अंदाज़ - ज़माने से थोडा जुदा था.
कोई मंदिर ना मूरत -सच कहूं
मैं अपना - खुद ही खुदा- नाखुदा था .
मेरे साथ ना जाने आजकल होता यही है 
कहता किसी को हूँ - और सुनता कोई है .
कहता किसी को हूँ - और सुनता कोई है .
लिखने के अर्थ अलग होते हैं 
कहने के भावार्थ अलग होते हैं
बिन लिखे कहे - समझ जाए कोई
जहाँ में ऐसे हमदर्द कहाँ होते हैं .
कहने के भावार्थ अलग होते हैं
बिन लिखे कहे - समझ जाए कोई
जहाँ में ऐसे हमदर्द कहाँ होते हैं .
मैं लिखूं - तो क्या तुम पढोगे 
या अपने शब्दार्थ खुद घडोगे.
सब तुम पर निर्भर है - अब
कविता बनोगे या कविता करोगे.
या अपने शब्दार्थ खुद घडोगे.
सब तुम पर निर्भर है - अब
कविता बनोगे या कविता करोगे.
ये भव्य महल से - पूजाघर 
क्या रहता है भगवान इधर .
अंतर में झाँक अरे प्राणी -
वो छिपा हुआ तेरे भीतर .
क्या रहता है भगवान इधर .
अंतर में झाँक अरे प्राणी -
वो छिपा हुआ तेरे भीतर .
सोने के सिंघासन - ये रत्नजडित से कलश शिखर 
कैसे मानूं - ये भवन बने रहने को मेरे खुदा का घर .
सिंदूर लगा पीपल नीचे - छत जिसकी है नीला अम्बर
जो खुदा बसा मेरे अंदर ये भी तो है भगवान का दर .
कैसे मानूं - ये भवन बने रहने को मेरे खुदा का घर .
सिंदूर लगा पीपल नीचे - छत जिसकी है नीला अम्बर
जो खुदा बसा मेरे अंदर ये भी तो है भगवान का दर .
कर्जा उतारता उसके मेरी ऐसी औकात कहाँ थी 
सूदखोर - महाजन नहीं यार वो तो मेरी माँ थी .
सूदखोर - महाजन नहीं यार वो तो मेरी माँ थी .
किसी तरह से इस दिल को बहलाएँगे 
वो नहीं आये -अब आज नहीं आयेंगे .
वो नहीं आये -अब आज नहीं आयेंगे .
 
 
 
कितने में बेच रहे हैं
ReplyDeleteये भी तो बताइये
कुछ छूट जरूर देते जाइये
हो सके तो एक के साथ
एक फ्री भी दिलवाइये।
सुंदर !!!