जैसे दुखों के बाद सुख .
तपते मौसम के बाद बारिश .
सूखते जख्ममें होने वाली -
मंद मंद खारिश .
अहसास दिलाती है -
शायद पतझर के बाद -
बहार ऐसे ही आती है .
तपते मौसम के बाद बारिश .
सूखते जख्ममें होने वाली -
मंद मंद खारिश .
अहसास दिलाती है -
शायद पतझर के बाद -
बहार ऐसे ही आती है .
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
ReplyDeleteआज चर्चा मंच पर देखी |
बहुत बहुत बधाई ||
चर्चा मंच में कविता शामिल करने के
ReplyDeleteलिए धन्यवाद ....!!!