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Thursday, October 27, 2011

चलो फिर से शुरू करें

चलो फिर से शुरू करें -
मंजिलों के पते - खोज लायें  .
साथ सूरज भी देगा जरुर -
आओ बूढ़े चाँद को -
सौर की भट्टी में- पहले तपायें 
और कुंदन सा दमकाएं .

बुझे तारों से ना रोशन होगा -
ये धुंधलाता जहाँ  - आ
माटी के दीपक को - अब 
अन्धकार से लड़ाएं .






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