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मैं इन्कलाब बेचता हूँ
बहूत हो गये जो संभलते नहीं अब - पुराना मैं चुकता हिसाब बेचता हूँ . ये नेता गवैये और खेलों के भैये - खरीदो - लो पूरी जमात बेचता हूँ . ख...
हिन्दू हिंदी हिंद की बात
हिन्दू हिंदी हिंद की बात लगती -बड़ी बेमानी है . हमसे तो कहीं अच्छे - पडोसी पाकिस्तानी हैं. इस देश की ये बड़ी विचित्र कहानी है . हिन्द...
बसंत का स्वागत कर
बसंत का आना - पतझर का जाना छोडो यार दिल को क्या भरमाना . जिसे जाना था - चले गए वो कबके घर खुला है - जिसका जब दिल करे - तब चुपके से म...
Friday, June 10, 2016
आँधियों के दौर हर मंज़र उदास है -
बचने की भला अब किसको आस है
अंजाम से डरे हुए कुछ लोग तो मिले
अंजाम बदल दें मुझे उसकी तलाश है .
Sunday, February 14, 2016
तेरे इनकार में दम है .
किसीकी जात में दम है -
किसीकी पांत में दम है.
किसीकी दौलते चलती
किसीके हाथ में दम है .
ना तेरे प्यार में दम है
ना मेरे प्यार में दम है .
किसीकी ना बिकी चीनी
किसीका बिकगया शीरा
किसीका कांच बिकता है
किसीका ना बिका हीरा .
ना तेरी जीतमें दम है -
ना मेरे हार में दम है .
जमाना सामने हो तो
महूब्बत गौण होती है
मुक्कदर की धनी लैला
तभी तो मौन होती है
मेरा इकरार बेदम है -
तेरे इनकार में दम है .
http://yatranaama.blogspot.com/
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