लिख वो प्यार की-
बात जो तूने कही .
लिख उसके बाद की
पीड़ा जो तूने सही
लिख की तू मुहजोर
नहीं कायर है .
लिख की तू तमाशबीन
नहीं शायर हैं .
आज वो हर बात -
लिख जो तूने कही है
जमाना जानता है
वो कितनी सटीक
कितनी सही है .
आज ही लिख -
अपनी अंतरात्मा का
वो सच - जो
कल कोई नहीं सुनेगा .
कोई नहीं पढ़ेगा .
कम से कम - कोई
अलग से अपने
मायने नहीं गढ़ेगा .
बात जो तूने कही .
लिख उसके बाद की
पीड़ा जो तूने सही
लिख की तू मुहजोर
नहीं कायर है .
लिख की तू तमाशबीन
नहीं शायर हैं .
आज वो हर बात -
लिख जो तूने कही है
जमाना जानता है
वो कितनी सटीक
कितनी सही है .
आज ही लिख -
अपनी अंतरात्मा का
वो सच - जो
कल कोई नहीं सुनेगा .
कोई नहीं पढ़ेगा .
कम से कम - कोई
अलग से अपने
मायने नहीं गढ़ेगा .
लिख सब लिख
ReplyDeleteइतना लिख
कि कोई
कह पाये
अब मत लिख !