Popular Posts
सुख यदि फल है ऊँचे दरखत का
सुख यदि फल है ऊँचे दरखत का, तो तोड़ कर ला तो सही- पूरी दुनिया-जहान को दिखला तो सही इसकी कलम अपने उपवन में लगा तो सही . पर ये सच नहीं ...
झक दुपहरी में एक दीप जलाया जाये
सूने गुलशन को इस तरह सजाया जाए महक नही तो थोड़ा इत्र मिलाया जाए . टिकाऊ न सही कुछ देर तो जले यारो झक दुपहरी में एक दीप जलाया जाये . दु...
जो मैं तेरी जगह पाता
जो मैं तेरी जगह पाता - सच कहता हूँ यार - तुझ से ज्यादा नाम - ज्यादा धन कमाता . मैं क्या - मेरा पूरा देश बिना किसी खून खराबे के जाने ...
Friday, June 10, 2016
आँधियों के दौर हर मंज़र उदास है -
बचने की भला अब किसको आस है
अंजाम से डरे हुए कुछ लोग तो मिले
अंजाम बदल दें मुझे उसकी तलाश है .
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)